तुमने जबसे कहा, तुमसे वो बेगाना अच्छा/
हमें लगता है इससे तो मर जाना अच्छा/
बड़े खुश थे उस वक़्त जब रक़ीब बने बैठे थे,
तब लगता था तुम्हारे हाथ का ज़हर भी अच्छा/
बड़ा नाज़ था इस अक्ल-ए-फलातूं पर हमको,
मजबूर थे हम,
था दरअसल शब-ए-वस्ल का तमाशा ही अच्छा/
पूछते हैं मेरे यार तब कहाँ ग़ाफिल था मैं,
मैंने कहा,
था जुंबिश-ए-लबों का वो नज़ारा अच्छा/
भूलने को ग़म, थाम ली कलम, बजाये शराब के,
है रक़ीब बनने से, बनना अदीब का अच्छा/
अब नहीं चैन मुझे इस जन्नती आरामगाह में,
मुझे लगता है इस बियाबाँ में भटकना अच्छा/
हमें लगता है इससे तो मर जाना अच्छा/
बड़े खुश थे उस वक़्त जब रक़ीब बने बैठे थे,
तब लगता था तुम्हारे हाथ का ज़हर भी अच्छा/
बड़ा नाज़ था इस अक्ल-ए-फलातूं पर हमको,
मजबूर थे हम,
था दरअसल शब-ए-वस्ल का तमाशा ही अच्छा/
पूछते हैं मेरे यार तब कहाँ ग़ाफिल था मैं,
मैंने कहा,
था जुंबिश-ए-लबों का वो नज़ारा अच्छा/
भूलने को ग़म, थाम ली कलम, बजाये शराब के,
है रक़ीब बनने से, बनना अदीब का अच्छा/
अब नहीं चैन मुझे इस जन्नती आरामगाह में,
मुझे लगता है इस बियाबाँ में भटकना अच्छा/
bahut karre bhai
ReplyDeleteA good work once again.
ReplyDeleteاردو ذرا کمزور ہے ، لیکن پھر بھی ارادوں کو پیش کرنے کا انداز دل کو پسند آیا... :)
ReplyDelete.
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उर्दू जरा कमजोर है, लेकिन फिर भी इरादों को पेश करने का अंदाज़ दिल को पसंद आया... :-)
shukriya sahab
ReplyDeleteयू तो हम दर्द को परिभाषित नहीं कर सकते, पर आपके शब्दों का दर्द भली बहती समझ रहे हैं, और आपकी रचना की तहे दिल से तारीफ़ करते हैं.... :)
ReplyDeleteएक और उम्दा प्रयास... शानदार विचार.. दिल को छूने वाली सोच.. और इस बात की ख़ुशी की कलम का चलना जारी है.
ReplyDeleteअब इस खूबसूरत रचना को नज़र न लग जाए इसलिए..कुछ काले टीके...
१. विचारों को व्यक्त करने के लिए ज़रूरी नहीं कठिन शब्द ही उपयोग में लायें..कुछ अलफ़ाज़ रचना का स्तर बढाने के लिए ज़बरदस्ती उपयोग किये हैं ऐसा लग रहा है.
२. लगता है ठान लिया है की रचना को कहीं से भी तुकबंदी नहीं साबित होने देंगे.. ये क्या तुक है की तुकबंदी में "अच्छा" की तुक "अच्छा" ही हुई. ऐसे में मुक्तछंद सा लगता है..
बाकी सोच दर्द भाव हमेशा की तरह लाजवाब है.. लिखते रहो.
@vinayak bahut bahut shukriya sahab age se dhyan rakhenge aur isi tarah margdarshan karte rahiye
ReplyDeletebahut accha ...
ReplyDelete... bahut sundar !
ReplyDeletem shocked!!!!!!!!!!!!
ReplyDeletethanks amar
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