वो ग़र अलविदा कर मुझे जाने को कह देता/
फरिश्तों को भी मैं बाद में आने को कह देता/
ग़र मालूम होता हमें उनकी चारागरी का,
मैं अपने ज़ख्म उन्हें सहलाने को कह देता/
ख़ुदा कसम हमें इल्म न था उसके फ़ाकों का,
वरना मैं उस फ़कीर से खाने को कह देता/
पता होता अगर वो तुम्हारी कौम के नहीं,
मैं तुम्हे अपने घर में छुपाने को कह देता/
आह! कितनी मासूम थी वो बीती हुयी रात,
काश मैं चाँद से सूरज को मनाने को कह देता/
बदलता अगर मेरी मौत से सियासत का ढंग ,
दुआ में ख़ुदा से ये हस्ती मिटाने को कह देता/
लिखता हूँ मेरे दोस्त तुम्हे देखकर ग़ज़ल, संभालोगे
वरना इस दिल से ये काग़ज़ जलाने को कह देता/
~ललित किशोर गौतम
फरिश्तों को भी मैं बाद में आने को कह देता/
ग़र मालूम होता हमें उनकी चारागरी का,
मैं अपने ज़ख्म उन्हें सहलाने को कह देता/
ख़ुदा कसम हमें इल्म न था उसके फ़ाकों का,
वरना मैं उस फ़कीर से खाने को कह देता/
पता होता अगर वो तुम्हारी कौम के नहीं,
मैं तुम्हे अपने घर में छुपाने को कह देता/
आह! कितनी मासूम थी वो बीती हुयी रात,
काश मैं चाँद से सूरज को मनाने को कह देता/
बदलता अगर मेरी मौत से सियासत का ढंग ,
दुआ में ख़ुदा से ये हस्ती मिटाने को कह देता/
लिखता हूँ मेरे दोस्त तुम्हे देखकर ग़ज़ल, संभालोगे
वरना इस दिल से ये काग़ज़ जलाने को कह देता/
~ललित किशोर गौतम
चारागरी= healing power
ReplyDeleteफ़ाका करना= भूखा रहना
ख़ुदा कसम हमें इल्म न था उसके फ़ाकों का,
ReplyDeleteवरना मैं उस फ़कीर से खाने को कह देता/...
waaaah!!! bahut badhiyaa..ye waali sach me bahut achchi hai..iss baar bhaav ke saath likhaai bhi badhiyaa hai :)
@vinayak itni khushi hame gunahon ka devta padhne ke baad ab huyi hai dhanyawad
ReplyDeletesir heart touching lines....^_^
ReplyDeleteNice lines sir!!!!!!!! ^_^
ReplyDeletethanks beta
ReplyDeletethanks beta
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